पाबंदी-ए-औक़ात-ए-दुआ किस के लिए है रातों की इबादत का सिला किस के लिए है हैं किस के लिए मध-भरी आँखों के इशारे गुलनार से होंटों की फ़ज़ा किस के लिए है हम लोग दुआ देंगे तिरी ज़ुल्फ़-ए-सियह को मालूम हो ये शहर-ए-सबा किस के लिए है क्या नाम है उस शख़्स-ए-जवाँ-बख़्त का ऐ दोस्त ख़ल्वत की ये धीमी सी सदा किस के लिए है ख़्वाबों के तरब-ज़ार में ये कौन मिला था तन्हाई में तू नग़्मा-सरा किस के लिए है आराइश-ओ-तज़ईं का ख़याल आया है कब से हाथों पे ये तहरीर-ए-हिना किस के लिए है कौन आएगा ख़्वाबों के धुँदलकों से तिरे पास आँखों में ये पैग़ाम-ए-वफ़ा किस के लिए है ऐ पर्दा-नशीं शर्म-ओ-हया ख़ूब है लेकिन आख़िर वो तिरी शोख़ अदा किस के लिए है इतना तो बता दे तिरे मासूम से दिल में ये महशर-ए-जज़्बात बपा किस के लिए है