पाकीज़ा-पन मेरा नशा अलबेला फ़न मेरा नशा लफ़्ज़ों का सिंघार करूँ दीवाना-पन मेरा नशा नर्गिस की आँखों का नूर गुलशन गुलशन मेरा नशा जन्नत की हूरें साक़ी ख़्वाब का आँगन मेरा नशा क़ौस-ए-क़ुज़ह सहबा की मौज हूर का दामन मेरा नशा बर्क़ खुले जलवों की आँच धानी चिलमन मेरा नशा सच्चाई मेरी सहबा ज़िल से अन-बन मेरा नशा मैं हूँ शराबी अलबेला इकराम-ए-ज़न मेरा नशा रश्क-ए-ज़मीं मेरे मौसम लफ़्ज़ का सावन मेरा नशा दिल का यही इक रंग 'मतीन' उजला दर्पन मेरा नशा