फूल को वो आ रहे थे चूम कर चल रहे थे इस लिए तो झूम कर आप सा कोई हसीं पाया नहीं देख आए हम ज़माना घूम कर और लोगों की भी हमदर्दी समेट और अपनी शक्ल को मासूम कर तू समझता है कि ये आसान हैं इश्क़ के रस्ते ज़रा मालूम कर इश्क़ में लाज़िम नहीं कि वस्ल हो मत इन्हें यूँ लाज़िम-ओ-मलज़ूम कर 'ज़ेब' शाइ'र है तो लाज़िम है तुझे आशिक़ी को अपनी तू मंज़ूम कर