पीछे पीछे सब परिंदे सब शजर आने लगे जब दिवाने लौट कर जंगल से घर आने लगे रौशनी इतनी मुझे तू बख़्श देना ऐ ख़ुदा जब मैं आँखें बंद कर लूँ तू नज़र आने लगे रोज़ टी वी आन करते हैं कि जाने क्या पता कब तुम्हारे शहर की कोई ख़बर आने लगे रक़्स-ए-वहशत बेवफ़ाई झूट धोका शा'इरी 'इश्क़ ने ऐसा सिखाया सब हुनर आने लगे मैं तो उस जाते हुए को रोकने दौड़ा ही था पीछे पीछे ख़ौफ़ में दीवार-ओ-दर आने लगे