प्यास मेरी है आब उस का है रेत उस की सराब उस का है रात और नींद है मिरी ख़ातिर ख़्वाब का एहतिसाब उस का है है ज़मीं मेरी और लहू मेरा मेरी आँखों में ख़्वाब उस का है वो कभी धूप है कभी साया आँख मेरी हिजाब उस का है नींद मेरी है उस की आँखों में मेरी आँखों में ख़्वाब उस का है सब सवालात चीख़ की सूरत चुप ही रहना जवाब उस का है शे'र सारे 'मुजीब' मेरे हैं हाँ फ़क़त इंतिख़ाब उस का है