राएगाँ चलता चला जाता हूँ मैं कहाँ चलता चला जाता हूँ बे-निशाँ बहर-ए-फ़ना खींचता है बे-कराँ चलता चला जाता हूँ जिस हयूले से ये गुलशन फूला उस के हाँ चलता चला जाता हूँ तुम कहाँ चलती हुई जाती हो मैं कहाँ चलता चला जाता हूँ हूँ शबिस्तान-ए-लहू में सोया ख़्वाब साँ चलता चला जाता हूँ