रख़्त-ए-सफ़र सफ़र से अलग कर दिया गया ख़्वाबों को चश्म-ए-तर से अलग कर दिया गया आदम से जा के मिलता है जब सब का सिलसिला फिर क्यों बशर बशर से अलग कर दिया गया बे-घर हुए हैं कितने परिंदे न पूछिए शाख़ों को जब शजर से अलग कर दिया गया रिश्तों के सब्ज़-बाग़ दिखाए गए मुझे और उस के बाद घर से अलग कर दिया गया दुश्मन से लड़ रहा है अभी मेरा हौसला हालाँकि जिस्म सर से अलग कर दिया गया शब-ख़ून मार कर मिरी नींदों पे 'अल्तमश' ख़्वाबों की रहगुज़र से अलग कर दिया गया