रंग लाएँगे मिरे दीदा-ए-नम ईद के दिन ख़ूँ रुलाएँगे तुझे भी ये सनम ईद के दिन तेरी फ़ुर्क़त में सनम तेरी क़सम ईद के दिन कुछ रुलाएगा मुझे भी तिरा ग़म ईद के दिन दिल की दुनिया में मसर्रत की बहारें आएँ घर में रख दें जो मिरे आप क़दम ईद के दिन हुस्न और इश्क़ की तकरार हबाब-ए-दरिया बरहमी छोड़ के हो जाएँ बहम ईद के दिन अब के बच्चों के खिलौने हैं न झूले मेला दामन-ए-दिल हुआ जाता है यूँ नम ईद के दिन पास जिस के नहीं दुनिया की कोई चीज़ ऐ 'शाद' उस की आहों का ख़ुदा रक्खे भरम ईद के दिन