रंज है हालत-ए-सफ़र हाल-ए-क़याम रंज है सुब्ह-ब-सुब्ह रंज है शाम-ब-शाम रंज है उस की शमीम-ए-ज़ुल्फ़ का कैसे हो शुक्रिया अदा जब कि शमीम रंज है जब कि मशाम रंज है सैद तो क्या कि सैद-कार ख़ुद भी नहीं ये जानता दाना भी रंज है यहाँ या'नी कि दाम रंज है मानी-ए-जावेदान-ए-जाँ कुछ भी नहीं मगर ज़ियाँ सारे कलीम हैं ज़ुबूँ सारा कलाम रंज है बाबा अलिफ़ मिरी नुमूद रंज है आप के ब-क़ौल क्या मिरा नाम भी है रंज हाँ तिरा नाम रंज है कासा गदागरी का है नाफ़-पियाला यार का भूक है वो बदन तमाम वस्ल तमाम रंज है जीत के कोई आए तब हार के कोई आए तब जौहर-ए-तेग़ शर्म है और नियाम रंज है दिल ने पढ़ा सबक़ तमाम बूद तो है क़लक़ तमाम हाँ मिरा नाम रंज है हाँ तिरा नाम रंज है पैक-ए-क़ज़ा है दम-ब-दम 'जौन' क़दम क़दम शुमार लग़्ज़िश-ए-गाम रंज है हुस्न-ए-ख़िराम रंज है बाबा अलिफ़ ने शब कहा नश्शा-ब-नश्शा कर गिले जुरआ-ब-जुरआ रंज है जाम-ब-जाम रंज है आन पे हो मदार क्या बूद के रोज़गार का दम हमा-दम है दूँ ये दम वहम-ए-दवाम रंज है रज़्म है ख़ून का हज़र कोई बहाए या बहे रुस्तम ओ ज़ाल हैं मलाल या'नी कि साम रंज है