आरज़ूएँ कमाल-आमादा ज़िंदगानी ज़वाल-आमादा ज़िंदगी तिश्ना-ए-मजाल-ए-जवाब लम्हा लम्हा सवाल-आमादा ज़ख़्म खा कर बिफर रही है अना आजिज़ी है जलाल-आमादा कैसे हमवार हो निबाह की राह दिल मुख़ालिफ़ ख़याल आमादा फिर कोई निश्तर-आज़मा हो जाए ज़ख़्म हैं इंदिमाल-आमादा हर क़दम फूँक फूँक कर रखिए रहगुज़र है जिदाल-आमादा हर नफ़स ज़र्फ़-आज़मा 'कैफ़ी' हर नज़र इश्तिआल-आमादा