सच्ची झूटी बात मिलाई दिल का हाल सुनाने में ये हुश्यारी कैसे आई मुझ जैसे दीवाने में उस के एक चले जाने से घर की कैसी हालत है या'नी कुछ भी फ़र्क़ नहीं है घर में और वीराने में उस के लहजे में तल्ख़ी थी कारन क्या था तल्ख़ी का आँख में सारी रात कटेगी ये गुत्थी सुलझाने में साथ किसी का कौन यहाँ पर सारी उम्र निभाता है अच्छी-ख़ासी दुश्वारी है दिल को ये समझाने में जाने कैसी कैसी बातें ज़ह्न में आने लगती हैं जब भी देर उसे होती है मेरा फ़ोन उठाने में