सफ़र है रास्ता है और मैं हूँ पुराना मसअला है और मैं हूँ शिकार अब कौन होगा देखते हैं शजर पर फ़ाख़्ता है और में हूँ मुझे तस्वीर से बाहर निकालो मुसलसल रतजगा है और मैं हूँ मुसाफ़िर भी हूँ मीर-ए-कारवाँ भी अधूरा क़ाफ़िला है और मैं हूँ तिरी तस्वीर बनती जा रही है मुक़ाबिल आइना है और मैं हूँ