सारी रात न सोने से By Ghazal << साया देता नहीं शजर मेरा रेग-ए-सहरा की रवानी देख क... >> सारी रात न सोने से क्या होता है रोने से कुछ भी हाथ नहीं आता होने या न होने से उस की चाप सुनाई दी घर के कोने कोने से बहता पानी ठहर गया उस के पाँव डुबोने से मंज़र ख़्वाब नहीं बदला हाथ में ख़ार चुभोने से उस का हार नहीं बनता ख़ाली फूल पिरोने से Share on: