साथ दें लोग फिर भी तन्हाई या'नी मैं और मेरी तन्हाई मुझ को ख़ुद से सवाल करने हैं मुझ को दे दो न थोड़ी तन्हाई तू अकेला कहाँ है मैं हूँ ना मुझ से आ कर के बोली तन्हाई मैं भी मौजूद अब नहीं ख़ुद में भर चुकी मुझ में इतनी तन्हाई किस ने की हैं ये बोतलें ख़ाली पी गया कौन अपनी तन्हाई