ज़रूरत है किसी भी ख़्वाब की ता'बीर से पहले बना लो ज़ेहन में नक़्शा कोई ता'मीर से पहले अज़ल से आश्ना है दिल तिरे जल्वों से ऐ हमदम तसव्वुर में तिरी तस्वीर थी तस्वीर से पहले बड़ी कोशिश करे इंसान हासिल कुछ नहीं होता मिला है वक़्त से पहले न कुछ तक़दीर से पहले नशेमन बर्क़ की ज़द पर बनाना चाहता हूँ मैं तसलसुल है मिरा क़ाएम हर इक ता'मीर से पहले न दो ज़हमत मिरे महबूब नाज़ुक हाथ को अपने मैं ज़ख़्मी हूँ अदा-ए-नाज़ की शमशीर से पहले यहाँ डूबी हुई थी आदमियत घुप अँधेरों में जहालत का अंधेरा था तिरी तनवीर से पहले किसी के नक़्श-ए-पा को हम बना लें रहनुमा अपना कोई ग़ालिब न हो पाया जनाब-ए-'मीर' से पहले ज़बान-ए-'शाद' पर आता है तेरा नाम ऐ ख़ालिक़ हर इक आग़ाज़ से पहले हर इक तहरीर से पहले