शब-ए-फ़िराक़ अचानक ख़याल आया मुझे कि मैं चराग़ न था उस ने क्यूँ जलाया मुझे कहाँ मिला मैं तुझे ये सवाल ब'अद का है तू पहले याद तो कर किस जगह गँवाया मुझे मुझे शुबह सा हुआ उस की बे-नियाज़ी से मैं ख़ुद बना हूँ ख़ुदा ने नहीं बनाया मुझे मिला भी मुझ को बिछड़ कर कहीं चला भी गया और अपना नाम भी उस ने नहीं बताया मुझे