सीना लहूलुहान है काली चट्टान का पत्थर में भी गुमान सा होता है जान का छोटा सा एक तिनका चिड़िया की चोंच में शहतीर लग रहा था जो ऊँचे मकान का क़िंदील ले के ख़ुद ही वो ख़ंदक़ में जा गिरा ना'रा लगा रहा था अभी सावधान का है सामने से आँख मिलाने का लुत्फ़ और खेलेगा क्या शिकार शिकारी मचान का 'आजिज़' मेरी क़मीज़ में अटका था जो कभी तोहफ़े का था वो फूल कि काँटा था जान का