सुख चैन हो कि दर्द ये मेरी ज़मीन है मैं हूँ यहीं का फ़र्द ये मेरी ज़मीन है जब देखता हूँ गर्मी-ए-तख़रीब हर तरफ़ भरता हूँ आह-ए-सर्द ये मेरी ज़मीन है ग़ारत-गरों ने सब्ज़ा-ओ-गुल ख़ाक कर दिए देखो ये उड़ती गर्द ये मेरी ज़मीन है ऐ रब्ब-ए-अम्न कौन बताए मुझे कि क्यों मैदाँ प-ए-नबर्द ये मेरी ज़मीन है वो तेरा आसमाँ है मह-ओ-मेहर सुर्ख़-रू फूलों के रंग ज़र्द ये मेरी ज़मीन है कोह-ए-सितम से तेरे ज़ियादा है संगलाख़ ईज़ा-पसंद मर्द ये मेरी ज़मीन है सय्यारगाँ हैं लाख सर-ए-आसमान-ए-शे'र आएँ ग़ज़ल-नवर्द ये मेरी ज़मीन है