तसन्नो की झलक शामिल है जिस की पारसाई में परेशाँ-हाल वो रहता है अपनी ख़ुद-नुमाई में करिश्मा देखिए तहज़ीब-ए-नौ की रंग-रलियों का किसी बच्चे का दिल लगता नहीं है अब पढ़ाई में दहल जाता था दुश्मन का कलेजा देख कर जिस को वो मिल्लत अब नज़र आती कहाँ है भाई भाई में मिरी ग़ज़लों को अक्सर वो मज़ा ले ले के पढ़ता है ग़ज़ल कहता हूँ मैं जिस बे-वफ़ा की बेवफ़ाई में सुना है ऐ 'ज़की' तुम भी महारत ख़ूब रखते हो ज़बाँ की सादगी में और लहजे की सफ़ाई में