टटोलने पे भी दिल का निशाँ नहीं मिलता ग़ज़ब ख़ुदा का जहाँ का जहाँ नहीं मिलता भटक रहे हैं ख़लाओं में हज़रत-ए-इंसाँ नई ज़मीन नया आसमाँ नहीं मिलता कहाँ मिलेगा ख़ुदा ये न पूछिए मुझ से कोई बताए मुझे वो कहाँ नहीं मिलता ज़मीं भी घूम रही है ज़मीन वाले भी किसी को चैन तह-ए-आसमाँ नहीं मिलता सुकून ढूँडने वाले कमाल करते हैं वहीं तलाश करेंगे जहाँ नहीं मिलता तिरे सवाल के मिलते जवाब अगर 'फ़य्याज़' जवाब कुछ तो उधर से भी हाँ नहीं मिलता