तेरा आँचल नहीं होता है अब्र बादल नहीं होता है बारिशें तो बहुत होती हैं दश्त जल-थल नहीं होता है मुस्तक़िल है ये कैसी कमी कुछ मुकम्मल नहीं होता है ज़िंदगी जब तलक रहती है मसअला हल नहीं होता है सिर्फ़ उस के शजर होते हैं सब्र का फल नहीं होता है एक जंगल नज़र आने से शहर जंगल नहीं होता है उस को तफ़्सील से पढ़ता हूँ जो मुफ़स्सल नहीं होता है बात करते हैं सदियों की हम पास इक पल नहीं होता है