तेरे न आने से मिरी महफ़िल उदास है बहता प पानी ख़ूब ही साहिल उदास है महबूब होगा क़दमों में जो कहता था मुझे आया न काम कुछ भी वो आमिल उदास है हमला किया था उस ने निगाहों के वार से उस पर भी जाने क्यों मिरा क़ातिल उदास है तेरे बग़ैर सजनी गुज़ारा नहीं मिरा आ जाओ मुझ को मिलने मिरा दिल उदास है नाव में प्यार की मैं सफ़र पर गया था जब पहुँचा नहीं किनारे तो मंज़िल उदास है मुश्किल है इश्क़ करना मिरे यार कुछ ज़रा मंज़िल को सर किया था तो मुश्किल उदास है नंबर न पूरे आए जो पर्चे में दोस्त के मेहनत था काम जिस का वो क़ाबिल उदास है