तेरे ये जाँ-निसार-ओ-तलब-गार देख कर हैराँ हूँ एक अनार सौ बीमार देख कर गुल फूल आब आब हुए कल चमन के बीच गुल के हमारे आतिशीं रुख़्सार देख कर सिदरा सर्व सनोबर-ओ-तूबा खड़े खड़े सर-गश्ता हैं चमन में क़द-ए-यार देख कर पैरों में दिल-ज़दों के न चुभ जाएँ उस्तुख़्वाँ इस राह से गुज़र हो तो सरकार देख कर हसरत गले से और लगाने की बढ़ गई नाज़ुक से हाथ में तिरे तलवार देख कर या जिस्म-ओ-जाँ में आह वो ताक़त नहीं रही या डर गया हूँ वक़्त की रफ़्तार देख कर इफ़रीत-ख़ाना सा हुआ जुज़ घर तिरे परी रहता है डर सा अब दर-ओ-दीवार देख कर 'हावी' हमारी जान में कुछ जान आ गई मक़्तल में अपने ख़ास वफ़ादार देख कर