तेरी दुनिया की कज-अदाई से लड़ रहा हूँ भरी ख़ुदाई से हुस्न है आप अपनी आराइश हुस्न घटता है ख़ुद-नुमाई से हम ने क़दमों को दूर रक्खा है हर बदी से हर इक बुराई से दिल ही टूटा है कुछ नहीं बिगड़ा आप की तर्ज़-ए-बेवफ़ाई से बद-गुमानी का दौर है 'आबिद' भाई है बद-गुमान भाई से