तेरी जुस्तुजू में जहाँ देख आए कहाँ देखना था कहाँ देख आए चले सुब्ह-दम शाम घर लौट आए ज़मीं आसमाँ कहकशाँ देख आए रहे रहगुज़र पर खड़े शाम तक हम गुज़रते रहे कारवाँ देख आए क़दम देखना ख़ुद ये चूमेंगी मौजें ज़मीं-बोस हम आसमाँ देख आए न मौसम न बाद-ए-सबा रास आई चमन में था रक़्स-ए-ख़िज़ाँ देख आए हर इक शहर देखा पता जा के पूछा जिधर भी गए कुछ धुआँ देख आए गले मिल के देखा है रोती फ़ज़ाएँ चमन आशियाँ बाग़बाँ देख आए