ठंडी ठंडी तेज़ हवा है आज कहीं पानी बरसा है जब भी कोई पत्ता टूटा है मैं ने सोचा जीवन क्या है अश्कों से मेरी आँखों का बरसों बरसों का रिश्ता है दिल में किसी की याद के सदक़े वीराने में शहर बसा है इंसाँ है आवारा-ए-मंज़िल मंज़िल ख़्वाहिश का साया है फूट पड़ें आकाश से किरनें जाने 'ताबाँ' कौन हँसा है