तुझे याद कर के भुलाने से पहले मैं रोया बहुत मुस्कुराने से पहले कि रो-रो के सोना तो हँस-हँस के उठना हम ऐसे न थे दिल लगाने से पहले मिरे ख़्वाब रह जाएँ न फिर अधूरे जबीं चूम लेना जगाने से पहले तुम अपनी तबाही का मातम तो कर लो मिरे हाल पे मुस्कुराने से पहले बहुत याद आएगी पागल सी लड़की ये सोचा नहीं था भुलाने से पहले मैं टूटा मैं बिखरा हुआ रेज़ा-रेज़ा मिरी जाँ तिरे ख़त जलाने से पहले तुम्हें सिर्फ़ रंज-ओ-अलम ही मिलेंगे ज़रा सोच लो दिल लगाने से पहले ग़ज़ल पेश-ए-ख़िदमत है 'राही' की सुन लो कहा उस ने सब को सुनाने से पहले