तुम प्यारे हो बस काफ़ी है किसी और गुमान में मत रहना ये जान किसी की अमानत है इस जान के ध्यान में मत रहना तुम्हें कौन इस रंग में चाहता है तुम्हें कौन इस ढंग में चाहता है कर देखना सच का सामना भी सपनों के जहान में मत रहना जीने के यहाँ कई रस्ते हैं तुम्हें तकने को नैन तरसते हैं धरती पे भी इंसाँ बसते हैं सदा ऊँची उड़ान में मत रहना आँखों से छलकते हैं आँसू उड़ जाए न जीवन की ख़ुशबू ये रुत है मुसलसल बारिश की किसी कच्चे मकान में मत रहना ये शहर 'ज़फ़र' वीराना है जिसे देखो वो दीवाना है पत्थर हैं सभी के हाथों में शीशे के मकान में मत रहना