तुम्हारी राह में नज़रें जमा के बैठे हैं तुम्ही को दिल में सनम हम बसा के बैठे हैं हमारे दिल की सदा सुन तुम्हें बुलाती है तुम्हारे इश्क़ में सब कुछ लुटा के बैठे हैं हमें कोई नहीं शिकवा जो हो तुम्ही से जाँ तमाम शिकवे क़सम से भुला के बैठे हैं तुम्हारे दीद से मिलती है इक ख़ुशी हम को तुम्हारे ही लिए दिल को सजा के बैठे हैं पयाम प्यार का भेजा है हम ने तुम को आज हवा में नाम तुम्हारे उड़ा के बैठे हैं