तुम्हें तुम्हारे तरीक़े से मारने के लिए ये दिल दिया तुम्हें दिल से उतारने के लिए तुम्हीं ने छोड़ दिया साथ जब मुसीबत में किसे तलाश करूँ अब पुकारने के लिए वफ़ा की राह में सब कुछ लुटा दिया मैं ने बचा ही क्या है मिरे पास हारने के लिए न जाने कितनी मशक़्क़त के साथ रहता हूँ ऐ ज़िंदगी तेरी ज़ुल्फ़ें सँवारने के लिए ग़म-ए-फ़िराक़ में दिल को जला लिया मैं ने तुम्हारी याद में हर शब गुज़ारने के लिए ये और बात कि मैं मुस्कुराता रहता हूँ ग़मों की धूप से ख़ुद को निखारने के लिए छुपा के लाए हैं कुछ दोस्त आस्तीनों में हमारे सीने में ख़ंजर उतारने के लिए हमेशा रखते हैं हम ख़ुद को बा-वज़ू 'रौनक़' वतन पे अपने दिल-ओ-जाँ को वारने के लिए