तुम ने पूछा तो बता देती हूँ क्यों था यूँ था सबब-ए-तर्क-ए-मोहब्बत भी जुनूँ था यूँ था तुम ने आँसू जिन्हें समझा था नहीं थे आँसू मेरी आँखों से जो निकला था वो ख़ूँ था यूँ था इस लिए तुम ने भी शायद मिरी तौक़ीर न की मुझ में जो शख़्स दरूँ था वो बरूँ था यूँ था यार अब तुम ही मिरे हक़ में गवाही दे दो वर्ना किस किस को बताऊँगी मैं यूँ था यूँ था और भड़क जाती थी सीने में तेरी याद की आग सबब-ए-बादा-कशी तेरा फ़ुसूँ था यूँ था और कुछ वज्ह नहीं थी मिरी ख़ामोशी की दिल को तन्हाई के आलम में सुकूँ था यूँ था मैं लगातार किया करती थी उल्फ़त के सवाल उस की जानिब से 'शिखा' हाँ था न हूँ था यूँ था