उफ़ री नाज़-ओ-नियाज़ की बातें बावले लोग बावली बातें अब कहाँ हैं वो अपनों सी बातें अजनबी लोग अजनबी बातें महकी महकी वो रात की रानी शबनमी रातें शबनमी बातें वो भी क्या शख़्स है सुब्हान-अल्लाह फूल सा चेहरा ख़ार सी बातें टूट जाते हैं रेशमी रिश्ते याद आती हैं रेशमी बातें हाए वो दूध में धुला चेहरा हाए वो दूध में धुली बातें दोस्ती की सफ़ेद चादर पर बद-नुमा दाग़ मतलबी बातें अपनी क़िस्मत में अब कहाँ 'नामी' बरगदी छाँव चुलबुली बातें