उजड़े हुए दिमाग़ का चेहरा उदास है सहरा के हर सुराग़ का चेहरा उदास है सिगरेट की इस ज़रा सी हुई रौशनी में देख सोए हुए चराग़ का चेहरा उदास है महबूब और जहान के ज़ख़्मों में जंग है इस सानेहा से दाग़ का चेहरा उदास है ऐसा कोई तो था जिसे फूलों से प्यार था जो मर गया तो बाग़ का चेहरा उदास है अपनी तरह से सब ने उसे क्या न कुछ कहा 'तेजस' तेरे अयाग़ का चेहरा उदास है