उजाला अब न साया रह गया है दिया बुझ कर के तन्हा रह गया है यहाँ अब कौन है जो दर्द बाँटे यहाँ अब कौन अपना रह गया है उतर आए सितारे सब ज़मीं पर फ़लक पर चाँद तन्हा रह गया है दिए की लौ ये शब से पूछ बैठी अभी कितना अंधेरा रह गया है बुझा डाले दिए यादों के हम ने मगर फिर भी उजाला रह गया है