उन्वान बदल गए हैं फ़साने बदल गए

उन्वान बदल गए हैं फ़साने बदल गए
तू भी बदल कि अब तो ज़माने बदल गए

दिल में न रख दबा के तमन्ना की बिजलियाँ
अक्सर इन्ही से आइना-ख़ाने बदल गए

हम से मोहब्बतों की कहानी न पूछिए
सब तीर चल चुके तो निशाने बदल गए

जिस हुस्न की तलाश में सदियों रवाँ रहे
पहुँचे वहाँ तो लोग सुहाने बदल गए

जज़्बात-ए-इश्क़ ने नई राहें तलाश लीं
अर्बाब-ए-हुस्न के भी बहाने बदल गए

ख़त को कबूतरों की ज़रूरत नहीं रही
जादे पयाम-बर के पुराने बदल गए

रहना सँवर के हुस्न का फ़ितरी मिज़ाज है
गेसू बदल गए हैं तो शाने बदल गए

साज़-ए-क़दीम रौनक़-ए-बज़्म-ए-तरब नहीं
मस्ती बदल गई है तराने बदल गए

सूरत बदल गई है जज़ीरों की इस तरह
जैसे समुंदरों के ठिकाने बदल गए

सजती हैं पार्कों में हसीनों की महफ़िलें
लज़्ज़त बदल गई है तो खाने बदल गए

यूरोप सँवारने के अज़ाएम थे शैख़ के
पहुँचे वहाँ तो अपने घराने बदल गए

बदली रुतों की रौशनी 'शाहीं' अजीब है
कुछ लोग कह रहे हैं कि थाने बदल गए


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