उस के एहसास के जज़्बों की कहानी हूँ मैं उस के अशआ'र की ग़ज़लों की जवानी हूँ मैं मेरी साँसों में महकता हुआ संगीत है वो उस की नस नस में तरन्नुम की रवानी हूँ मैं वो तो साया था ख़ुदा जाने कहाँ छूट गया ढूँढती फिरती हूँ उस को कि दिवानी हूँ मैं वो है जैसे किसी बीमार के होंटों पे दुआ प्यासी आँखों पे बरसता हुआ पानी हूँ मैं घूमते फिरते थे 'नसरीन' जहाँ हम इक साथ झील के पास की वो शाम सुहानी हूँ मैं