उस के दिल तक नहीं पहुँचा कोई रस्ता सीधा इस लिए कहने लगा इश्क़ को उल्टा-सीधा जिस तरह से वो बताते हैं तुझे उज़्र अपने इस का मतलब तो तग़ाफ़ुल ही है सीधा सीधा हम अगर तुझ में समा जाएँ तो हैरत कैसी आ के गिरता है समंदर में ही दरिया सीधा हम ने उस नाम की हुर्मत को बचाए रक्खा लोग करते रहे जिस नाम पे पैसा सीधा क्यों मुझे बीच में खींचा गया मालूम नहीं मेरा ख़ुद से तो नहीं था कोई झगड़ा सीधा इस ज़माने की मोहब्बत के उसूलों पे चलें इस ज़माने में भला कौन है इतना सीधा किस के किरदार के अज़्मत की दुहाई मैं दूँ नेक लड़की है कोई और न लड़का सीधा मैं अगर भाग भी निकलूँ तो भटक जाऊँगा शहर-ए-क़ातिल में नहीं एक भी रस्ता सीधा बहर-ओ-बर में वही गुम-गश्ता हुआ है 'हर्षित' इश्क़ की राह को जिस जिस ने भी समझा सीधा