वो हमारे होते होते रह गए और हम सपने सँजोते रह गए दिल बिछा के हम किसी की राह में सिर्फ़ अपना वक़्त खोते रह गए फूल भी गुलशन के सब मुरझा गए और हम बूटे ही बोते रह गए प्यार का सागर सिमट कर रह गया हम तो बस पलकें भिगोतें रह गए चाँद ने बाँधी थी डोरी ग़ैर से और हम मोती पिरोते रह गए ये 'कशिश' जिन के लिए जगती रही साथ वो ग़ैरों के सोते रह गए