वो कह रहे हैं सुनाओ कोई तराना-ए-इश्क़ कहाँ से लाऊँ वो अंदाज़-ए-वालिहाना-ए-इश्क़ वो उन की चश्म-ए-करम पर दिल-ओ-निगाह की क़द्र वो उन के ज़ुल्म पे जज़्बात-ए-बाग़ियाना-ए-इश्क़ वो मेरी दर्द भरी अर्ज़ इल्तिजा-आमेज़ वो उन का तर्ज़-ए-तकल्लुम मुग़ाइराना-ए-इश्क़ वो इश्क़-ए-रफ़्ता के क़िस्से वो प्यार की बातें फिर उन का मुझ से वो बरताव जारेहाना-ए-इश्क़ वो मेरी उन से शिकायात-ए-जौर बे-बुनियाद वो उन की मर्हमत-ए-ख़ास ग़ाएबाना-ए-इश्क़