वो नहीं है तो क्या जिया जाए By Ghazal << ज़िंदगी ख़ार है गुलाब भी ... ठिकाना हो न हो फिर भी ठिक... >> वो नहीं है तो क्या जिया जाए ज़िंदगी तेरा क्या किया जाए कौन सुनता है आप की नासेह होंट अच्छा है सी लिया जाए इस से पहले कोई दुआ माँगें चाक-ए-दामन को सी लिया जाए तिश्नगी क्या बुझाएगी ये मय अश्क-ए-ग़म को ही पी लिया जाए Share on: