ज़िंदगी ख़ार है गुलाब भी है ज़िंदगी ज़िंदगी है ख़्वाब भी है प्यार गंगा की तरह है लेकिन प्यार सहराओं का सराब भी है किसी इंसान की मदद के लिए झूट का बोलना सवाब भी है मुस्कुराहट तो देख बच्चों की इस से बेहतर कोई किताब भी है इस स्याही पे तू यक़ीं मत कर इस अंधेरे में आफ़्ताब भी है छू के दिल उस ने हाथ को चूमा इस अदा का कोई जवाब भी है बात 'स्वामी' की तल्ख़ है फिर भी बात सोचो तो ला-जवाब भी है