वो शख़्स बन गया मिरी ख़ू-ए-हयात क्यों उस में दिखाई देती है ये काएनात क्यों जब हाथ चूमने की मिरी इल्तिजा सुनी यूँ मुस्कुरा के कहने लगे सिर्फ़ हाथ क्यों पूछा अगर हो इज़्न तो इक बात मैं कहूँ तो बोले मुस्कुरा के वो बस एक बात क्यों शोख़ी तो देखिए कि मुझे क़त्ल कर के भी नाराज़ इस पे हैं कि गँवाई हयात क्यों