वो तो जब था जब मैं ख़ुद से भी हरीफ़ाना रहा मेरी वहशत का समंदर एक पैमाना रहा दिल से माँगा है सुकूँ आँखों से माँगे हम ने ख़्वाब आप ख़ुद से भी त'अल्लुक़ कुछ गदायाना रहा मुद्दतों मेरी हथेली पर रहा है आसमाँ अपने दिल से मुद्दतों मेरा भी याराना रहा कुछ मुझे भी अपने क़द का इक ग़लत एहसास था कुछ रवय्या उस का भी मुझ से ख़ुदायाना रहा हाथ से जब तक निकल के रह गया हर एक नक़्श ख़ुशबुओं ही के त'आक़ुब में वो दीवाना रहा