याद ऐसा कोई आया है कि जी जानता है इस क़दर दिल को दुखाया है कि जी जानता है इश्क़ यूँ जान को आया है कि जी जानता है रोज़-ओ-शब ऐसा रुलाया है कि जी जानता है क्या मोहब्बत भी कोई जुर्म है इस दुनिया ने ऐसा हंगामा उठाया है कि जी जानता है हो सकेगा न मसीहा से भी इस दिल का इलाज ज़ख़्म वो उस ने लगाया है कि जी जानता है वो मुझे भूल भी सकता है ये उम्मीद न थी इस तरह उस ने भुलाया है कि जी जानता है दिल है क़ाबू में न मैं अपने ही बस में हूँ 'पयाम' ऐसा दीवाना बनाया है कि जी जानता है