यहाँ जो है कहाँ उस का निशाँ बाक़ी रहेगा मगर जो कुछ नहीं वो सब यहाँ बाक़ी रहेगा सफ़र होगा सफ़र की मंज़िलें मादूम होंगी मकाँ बाक़ी न होगा ला-मकाँ बाक़ी रहेगा कभी क़र्या-ब-क़र्या और कभी आलम-ब-आलम ग़ुबार-ए-हिजरत-ए-बे-ख़ानमाँ बाक़ी रहेगा हमारे साथ जब तक दर्द की धड़कन रहेगी तिरे पहलू में होने का गुमाँ बाक़ी रहेगा बहुत बे-ए'तिबारी से गुज़र कर दिल मिले हैं बहुत दिन तक तकल्लुफ़ दरमियाँ बाक़ी रहेगा रहेगा आसमाँ जब तक ज़मीं बाक़ी रहेगी ज़मीं क़ाइम है जब तक आसमाँ बाक़ी रहेगा ये दुनिया हश्र तक आबाद रक्खी जा सकेगी यहाँ हम सा जो कोई ख़ुश-बयाँ बाक़ी रहेगा जुनूँ को ऐसी उम्र-ए-जावेदाँ बख़्शी गई है क़यामत तक गिरोह-ए-आशिक़ाँ बाक़ी रहेगा तमद्दुन को बचा लेने की मोहलत अब कहाँ है सर-ए-गिर्दाब कब तक बादबाँ बाक़ी रहेगा हमारा हौसला क़ाइम है जब तक साएबाँ है ख़ुदा जाने कहाँ तक साएबाँ बाक़ी रहेगा तुझे मालूम है या कुछ हमें अपनी ख़बर है सो हम मर जाएँगे तू ही यहाँ बाक़ी रहेगा