ये इश्क़ अलम ग़म ज़ंजीरें इक ख़्वाब की लाखों ता'बीरें आँखों से उतरती सी दिल में किस चाँद की हैं ये तस्वीरें सीनों में अँधेरों की झाँको हैं लाखों मचलती तनवीरें देखी हैं मोहब्बत में हम ने आँखों से बदलती तक़दीरें है उन का नसीबा जूद-ओ-करम हैं अपना मुक़द्दर ताज़ीरें अब अक्स तुम्हारा है दिल में किस काम की मेरे तस्वीरें है दिल के लहू की ग़म्माज़ी 'अख़्तर' ये तुम्हारी तहरीरें