ये में हूँ और ये असनाम मेरे इन्हें जो नाम दो सब नाम मेरे है इन की रौशनी मुझ से भी आगे मैं अच्छा मुझ से अच्छे काम मेरे न कर तू बात मुझ से मौसमों की ये मौसम सुब्ह तेरे शाम मेरे दुकान-ए-ख़्वाब में चेहरा-ए-निगर हूँ कोई शायद चुका दे दाम मेरे तमन्नाओं के ज़ख़्म ईज़ाओं के ज़ख़्म यही कुछ ज़ख़्म हैं इनआम मेरे मैं क्या विर्से में दूँ आइंदगाँ को बस उन के नाम हैं पैग़ाम मेरे