ये रंग रूप ये सज-धज ये बाँकपन तेरा रविश रविश है तिरी अब चमन चमन तेरा जो देख पाएँ कहीं रंग-ए-पैरहन तेरा तो कलिमा पढ़ने लगें शैख़-ओ-बरहमन तेरा अदाएँ मस्त निगह मस्त चाल में मस्ती इस एक दिल के लिए उफ़ ये हर जतन तेरा मिरे वजूद पे भी दस्तरस कहाँ मुझ को मिरी नवा-ए-जुनूँ ज़ौक़-ए-फ़िक्र-ओ-फ़न तेरा ख़ुदा दराज़ करे उम्र-ए-नग़मगी 'हामिद' बहुत लतीफ़ है ये दौर-ए-पुर-मेहन तेरा