यूँ दावत-ए-शबाब न दो मैं नशे में हूँ ये दूसरी शराब न दो मैं नशे में हूँ ऐसा न हो कि नश्शे में कट जाए ज़िंदगी आँखों को कोई ख़्वाब न दो मैं नशे में हूँ इतना बहुत है तुम से निगाहें मिली रहें अब बस करो शराब न दो मैं नशे में हूँ यारो दिल-ओ-दिमाग़ में काफ़ी है फ़ासला उलझे हुए जवाब न दो मैं नशे में हूँ ऐसा न हो कि राज़ तुम्हारा मैं खोल दूँ देखो मुझे जवाब न दो मैं नशे में हूँ दामन का होश है न गरेबाँ का होश है काँटों भरा गुलाब न दो मैं नशे में हूँ ख़ुद को सँभालना यहाँ मुश्किल है दोस्तो छलकी हुई शराब न दो मैं नशे में हूँ जो लम्हे 'नूर' होश में रह कर गुज़र गए उन का अभी हिसाब न दो मैं नशे में हूँ