ज़िंदगी की मिले ख़बर तो चलूँ देख लूँ उस को आँख भर तो चलूँ मुस्कुरा कर ज़रा मिले फिर तुम पूछ लो हाल भी अगर तो चलूँ इश्क़ ओ दुनिया की कश्मकश में तुम रोक लो जो मुझे अगर तो चलूँ हिज्र जो उम्र भर रहा उस का तेरी आँखों में हो असर तो चलूँ तुम न समझे ज़बाँ निगाहों की बात कह दूँ वो मुख़्तसर तो चलूँ है अधूरी ये जुस्तुजू 'बेताब' और इक उम्र हो नज़र तो चलूँ